शुक्रवार, मई 20, 2011

अपहरण (लघु कथा)

कमरे का दरवाजा खोलकर राजू अंदर आया और हँसते हुए बोला, "असलम तेरे भईया आ गये हैं तुझे छुडवाने के लिए. बेचारे तुझे सही-सलामत वापस लौटाने के लिए बहुत गिड़गिड़ा रहे थे. पहली बार किसी पुलिसवाले को ऐसी हालत में देखा है. जितना रुपया माँगा था, ले आये .पूरे पांच लाख हैं." असलम ने राजू व वहां मौजूद एक और लड़के सचिन के हाथों में ताली मारी और आगे पढ़ें..

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें