सोमवार, नवंबर 28, 2011

गश्त (लघु कथा)



एस.एच.ओ. (थानाध्यक्ष) रात के स्टाफ की ब्रीफिंग लेते हुए बोला, " तुम सब रात की गश्त ढंग से क्यों नहीं करते. आज डी.सी.पी. ने मुझे बुलाकर फिर से मेरी माँ-बहन एक कर डाली. अगर तुम्हें कामचोरी की गन्दी आदत पड़ ही गई है तो कम से कम पत्रकार अरोड़ा की गली में तो एक चक्कर लगा आया करो. साला हर दूसरे दिन अपने अखबार में खबर छाप देता है कि इलाके की पुलिस गश्त नहीं करती."

रात का स्टाफ एक सुर में बोला, "जनाब हम सब नियम से रात को थाने के इलाके के चप्पे-२ में गश्त करते हैं." एस.एच.ओ. ने उनसे खीज कर पूछा, "तो फिर अरोड़ा अपने अखबार में यह खबर क्यों छापता है कि तुम सब गश्त नहीं करते?" आगे पढ़ें...