भारत की राजधानी हॆ-यह दिल्ली.भारत का लघु-रुप हॆ यह दिल्ली.अनेकताओं में एकता का शहर हॆ-दिल्ली . दिलवालों का शहर हॆ यह दिल्ली.पाश्चात्य व पश्चिमी संस्कृति का मिश्रण हॆ-यह दिल्ली.भारतीय राजनीति का अखाडा हॆ यह दिल्ली.न जाने कितनी बार उजडी व बसी यह दिल्ली.इस दिल्ली शहर के साहित्यकारों,पत्रकारों व ब्लागरों का एक सामूहिक मंच हॆ-यह ’दिल्ली ब्लागर्स एसोशिएशन.
बहुत दिनों से मेरे भोले से मनमें एकप्रश्न खलबली मचाये हुए है.यही कि आपकेसिरतो पूरे दस हैं और हाथ केवल दो. जब कभी मौसम बदलता होगा और आपको जुकामहोताहोगा तो कैसे व्यवस्थित करते होंगे अपने दो हाथों से दस नाकों को.रावणजी इश्माइल...आगे पढ़ें...