
भारत की राजधानी हॆ-यह दिल्ली.भारत का लघु-रुप हॆ यह दिल्ली.अनेकताओं में एकता का शहर हॆ-दिल्ली . दिलवालों का शहर हॆ यह दिल्ली.पाश्चात्य व पश्चिमी संस्कृति का मिश्रण हॆ-यह दिल्ली.भारतीय राजनीति का अखाडा हॆ यह दिल्ली.न जाने कितनी बार उजडी व बसी यह दिल्ली.इस दिल्ली शहर के साहित्यकारों,पत्रकारों व ब्लागरों का एक सामूहिक मंच हॆ-यह ’दिल्ली ब्लागर्स एसोशिएशन.
सोमवार, सितंबर 05, 2011
हाथी के दांत (लघु कथा)
"आइये शर्मा जी. अहो भाग्य हमारे जो आप हमारे स्कूल में पधारे" भीमसेन बड़ी विनम्रता से शर्मा जी का स्वागत करते हुए बोले. शर्मा जी कुर्सी पर बैठते हुए बोले, "अरे भीमसेन जी ये तो हमारा सौभाग्य है जो हमें आपके विद्यालय में आने का अवसर मिला. आपके सम्मुख एक निवेदन लेकर आये हैं." भीमसेन ने कहा, "अरे शर्मा जी क्यों शर्मिंदा कर रहे हैं...आगे पढ़ें
सदस्यता लें
संदेश (Atom)