
भारत की राजधानी हॆ-यह दिल्ली.भारत का लघु-रुप हॆ यह दिल्ली.अनेकताओं में एकता का शहर हॆ-दिल्ली . दिलवालों का शहर हॆ यह दिल्ली.पाश्चात्य व पश्चिमी संस्कृति का मिश्रण हॆ-यह दिल्ली.भारतीय राजनीति का अखाडा हॆ यह दिल्ली.न जाने कितनी बार उजडी व बसी यह दिल्ली.इस दिल्ली शहर के साहित्यकारों,पत्रकारों व ब्लागरों का एक सामूहिक मंच हॆ-यह ’दिल्ली ब्लागर्स एसोशिएशन.
शनिवार, मई 28, 2011
टाटा (लघु कथा)
मासूम ने देखा कि बस में बहुत देर से एक महिला अपने बच्चे को गोद में लिए खड़ी थी तथा कठिनाई अनुभव कर रही थी .उसने दया कर उसे अपनी सीट दे दी. अगले स्टैंड पर दूसरी सीट भी खाली हो गई व मासूम उस महिला के बगल में ही बैठ गया. महिला मासूम द्वारा सीट देने के लिए उसके प्रति आभारी थी. बातों का सिलसिला शुरू हो गया. उस महिला के नैन -नक्श आकर्षित करने वाले थे. मासूम उसके रूप के आकर्षण में आगे पढ़ें..
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