शनिवार, मई 28, 2011

टाटा (लघु कथा)

मासूम ने देखा कि बस में बहुत देर से एक महिला अपने बच्चे को गोद में लिए खड़ी थी तथा कठिनाई अनुभव कर रही थी .उसने दया कर उसे अपनी सीट दे दी. अगले स्टैंड पर दूसरी सीट भी खाली हो गई व मासूम उस महिला के बगल में ही बैठ गया. महिला मासूम द्वारा सीट देने के लिए उसके प्रति आभारी थी. बातों का सिलसिला शुरू हो गया. उस महिला के नैन -नक्श आकर्षित करने वाले थे. मासूम उसके रूप के आकर्षण में आगे पढ़ें..