बुधवार, जुलाई 20, 2011

अजमल कसाब का जिहादियों के नाम एक पत्र

प्यारे जिहादी भाइयो
सादर विस्फोटस्ते
यहाँ मैं खैरियत से हूँ. आप सब कैसे हैं. अब्बा तालिबान और अलकायदा अम्मी के क्या हाल हैं. गोलीबारी और बम फोड़ने का अभ्यास कैसा चल रहा हैं. जिहाद के नाम पर आज कल रोज कितने काफ़िर हलाल किये जा रहे है. यहाँ जेल में तो ऐसा मुबारक काम करने का मौका ही नहीं मिल पाता है.
अपने हाथों से छुरे से जिन्दा इंसान की गर्दन धीमे -२ कतरने का मजा ही...
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