बुधवार, जून 22, 2011

एक पत्र प्रधानमंत्री के नाम

प्यारे प्रधानमंत्री जी
सादर अनभिग्यस्ते
आपको यह पत्र पढ़ने का कष्ट उठाना पड़ रहा है इसके लिए क्षमा चाहते हैं. किन्तु क्या करें हमारी विवशता थी सो आपको यह पत्र लिखना पड़ा. वैसे तो हमें खेती के कार्यों से ही समय नहीं मिलता जो किसी को पत्र लिखें परन्तु यह भी अंत्यंत आवश्यक था कि आपकी आँखों पर पड़े पर्दे को इस पत्र द्वारा हटाने का प्रयास किया जाये. प्रधानमंत्री जी हालांकि अपना देश भारत एक कृषि प्रधान देश है किन्तु फिर भी इस देश में हम किसानों की स्थिति दिन-प्रतिदिन ख़राब होती जा रही है...
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2 टिप्‍पणियां:

  1. सुमित जी,
    भारतीय किसान की समस्या को बडी ही मार्मिकता के साथ,आपने पत्र में व्यक्त किया हॆ.काश! आपका पत्र माननीय प्रधान मंत्री जी का मन मोह ले.शुभकामनाये.आपके अगले पत्र की प्रतीक्षा में.

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  2. विनोद पाराशर जी मैंने यह पत्र गाँव यात्रा के दौरान किसानों द्वारा बतायी समस्याओं को पत्र के रूप में ढाल कर लिखने का छोटा सा प्रयास किया है...

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